Monday, March 4, 2013

Aakhir Kyon?




आखिर क्यों?

दोस्तों , सज्जनों मैं बुध्धिजीवी नहीं हूँ फिर भी कुछ बातें मेरी दिमागी कीड़े को परेशान करती है।कभी कभी रात को मैं सोते सोते अचानक जाग जाता हूँ । आप मेरी इस समस्या का समाधान कर दे।

 
मैं हमेशा सोचता हूँ की झुमका हमेशा बरेली के बाज़ार में ही क्यों गिरता है? पियाँ हमेशा रंगून से ही फूंन क्यू करते है?? गाँव वाली भौजी की बहनिया का मकान हमेशा दो तल्ला का क्यों होता है,तीन या चार तल्ला का क्यों नहीं???दुनिया में इतने सारे शहर है फिर भी सजनी के नथुनिया के झटके से बलमवा कलकत्ता जैसे प्रदूषित शहर क्यों पहुच जाते है????जब भी गोरी की कमरिया लचकती है तो कशी , पटना के साथ कलकत्ता ही क्यों हिलाता है वाशिंगटन या न्यूयॉर्क क्यों नहीं ?????लड़कियाँ हमेशा मोहब्बत वाला कजरा ही क्यों लगाती है लक्मे या एल १८ का क्यों नहीं?????और सिपाही से हवलदार बन जाने पर सैयांजी नथुनिये  पर गोली काहे  मारते  है??? 
 
क्या आपने सोचा है ऐसा क्यों होता है? कभी अपने दिमागी घोड़े को दौड़ाया है ? अभी पिछले दिनों ही हमारे शहर में भुक्कंप का हल्का झटका लगा था , भू-गर्भ शाश्त्रियो के अनुसार धरती के गर्भ में जब दबाव बढ़ जाता है तो ऐसा होता है। बेकार की बाते है मैं तो कहता हूँ कि  जरूर किसी गोरी की कमरिया हिला होगा जिससे कलकत्ता में यह झटका लगा (भू गर्भ शाश्त्रियो के अनुसार भूकंप ) क्योंकि झटके में एक अजीब सी शोखी थी मानो धरती  ने अंगड़ाई ली हो।
 
रही रंगून से फ़ोन करने की बात तो मेरे ख्याल से रंगून का फ़ोन अच्छी क्वालिटी का होता होगा और दूसरा कारण जो मुझे समझ में आता है वोह है रंगून से एसटीडी माफ़ कीजियेगा ट्रंक कॉल सस्ता पड़ता होगा ।

अब आते है तीसरे टापिक पर बरेली के बाज़ार में झुमका गिरने के कारण पर . मेरे ख्याल से बरेली या तो खुबसूरत नौजवानों से भरा होगा जिन्हें देख कर कोमलांगिया अपने झुमके गिर देती होगी अपने प्रणय का इजहार करने के लिए या फिर बरेली का रास्ता बहुत उबड़ खाबड़ होगा जिससे चलते समय गजगमिनियो  का शारीर ज्यादा लचकता होगा और झुमके गिर जाते होंगे। अब अगर रास्ता उबड़ खाबड़ हो तो कोई अपने शारीर को संभाले या झमके को? बस झुमका गिर जाता होगा। यूपी सरकार और बरेली के बिधायको और पार्षदों से मेरी खास विनती है कि बरेली के रास्ते की मरम्मत करा दे ताकि और झुमके बरेली के बाज़ार में न गिरे।
 

अब गाँव वाली भौजी की बहनीया की मकान की बात ,तो इसमे हर्ज़ ही क्या है ? पहली बात यह की आपको खुश होना चाहिए की आपकी भौजी की बहन का दो तल्ला मकान है (यहाँ तो एक तल्ला के भी बांदे पड़े है) सीधे भैया की साली से शादी कर लीजिये मकान आपका दूसरा यह की भौजी के बहन के पैसा है तो वो दो तल्ला मकान बनाएगी ही तो इसमे दुनिया वालों की छाती पर मूंग क्यों डालती है!?
 



अब मेरा चौथा अनुसन्धान यह की नथुनिया के झटके से पिया कलकत्ता क्यों पहुँच जाते है यह है की बिहार और यूपी हमारे देश के उत्तरी भाग में है और सजनी नथुनी नाक के बाये हिस्से में पहनती है . अब अगर आप उत्तर में खडे  होकर किसीको अपने नथुनी से झटका देने की कोशिश कीजियेगा तो वो पूरब की ऒर गिरेगा और कलकत्ता पूरब की ऒर है तो साजन  का कलकत्ता ही आने का ज्यादा चान्स है (लागिक !!) इससे फायदा हुआ वो यह कि ट्रेन का किराया बच जाता है और मुफ्त में जा रहे है तो कौन फ़िक्र करता है की आप कलकत्ता जैसे प्रदूषित शहर में जा रहे है या कही और ! मुझे तो कोई मुफ्त में ले जाए तो में जहन्नुम का भी सफ़र कर लू सवभाव से यायावर जो हूँ !!
 
अब बात उठती है मोह्हब्बत वाले कजरे की तो साहेबान आप जानते है की हमारे हिन्दुस्तान में प्यार मोहब्बत को कलंक या काजल समझ जाता रहा है सो अगर आप प्यार मोहब्बत करेंगे तो यह बदनामी का काजल तो आप पर लगेगा ही तो इसीलिए महब्बत ऐ बदनाम का काजल प्रेमिकाए पहले ही लगा लेती है इससे पहले कोई दूसरा लगाये।
 
अब चलिए आते है सिपहिया वाले किस्से पर। हवालदार बन जाने के बाद सिपाही का दायित्वा यानि रिस्पांसिबिलिटी ज्यादा बढ़ जाता है और अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिए काफी मेहनत भी करनी पड़ती है तो वो घर में ही नाथुनिये  पर गोली चला कर प्रक्टिस कर लेते है इससे लाभ यह होता है कि निशाना उनका अच्छा हो जाता है और नथुनी पर गोली चलने के लिए अच्छी निशाने की जरूरत होती है नथुनी पर सही निशाना लगाने पर उनकी अपनी ही पत्नी की नाथ उतरती है और बहुत सारी  अबलाओ की नथ उतरने से बच जाती है! आपने सुना ही होगा की पुलिस लॉक अप  में पुलिस ने फलां महिला के साथ बालाताकर किया मैं दावे के साथ कह सकता हूँ ये  वही पुलिस वाले होंगे जिनका निशाना गलत लगता होगा य़ां यह नथुनी पर गोली मारने की प्रक्टिस नहीं करते होंगे और अपने पत्नियों की नथ नहीं उतार पाते होंगे और इसलिए यह दूसरो की पत्नियों , माँ बहनों की नथ उतारते है . मैं तो कहता हूँ की सरकार सभी पुलिस वाले के लिए नथुनी पर गोली मारने की प्रक्टिस अनिवार्य कर दे इससे फायदा यह होगा की बहुत सारे माँ बहनों की इज्ज़त लुटने से बच जाएगी।
 
आप सब गुणीजन क्या कहते है ? मैंने जो कुछ कहा मेरे छोटे से दिमाग में उपजी एक जिज्ञासा थी अगर आपको कुछ और लगता है तो मुझे जरूर बतायेइगा और हाँ अगर आपको मेरे बात में ज़रा भी सच्चाई नज़र आये तो इसे और लोगों को जरूर सुनाइगा।

अपनी प्रतिक्रिया अवश्य वयक्त करे
राजेश साव  

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