"खुजली गीत"
(धुन : कोई जब राह न पाए, मेरे संग आये तो पग पग दीप जलाए)*
कोई जब जांघ खुजाये मेरे पास आये,
हर प्रॉब्लम सोल्भ हो जाए,
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मेरी खुजली वाला बाम।
जीवन का यही है दस्तूर,खुजली से है हर कोई मजबूर,
खुजली है भाई तो बहना है खाज़।
कोई काहे नैन छुपाये, मेरे पास आये हर प्रॉब्लम सोल्भ हो जाए
मेरी खुजली वाला बाम,
मेरी खुजली वाला बाम।
खाज़ के है रूप हज़ार,कही है दाद कही है दिनाव,
मेरे पास आओ बन जाओ गुलफाम।
कोई जब बेबस हो जाए, और इज्ज़त गवाए,
हर प्रॉब्लम सोल्भ हो जाए,
मेरी खुजली वाला बाम,
मेरी खुजली वाला बाम।
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By राजेश साव
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