समाज
भरी दोपहर में धूम धाम हाय हाय का संगीत,
मार काट का गाना भगदड़ मची,
रास्ते साफ़ सुई गिरे तो आवाज आये,
शान्ति ही शान्ति है चारो ऒर,
जी हाँ हमारे देश में शान्ति ही शान्ति है।
सड़क के बीचो बीच एक इंसान को
एक गाडी वाले ने ठोक दिया,
लहुलुहान मदद के लिए चिल्लाये जा रहा है,
गाडिया उसके अगल बगल से दौड़ी जा रही है,
राहगीर तमाशा देख रहे है,
किसी के पास फालतू समय नहीं,
उस तड़पते इंसान को बचाने के लिए,
इस भाग दौड़ भरी मतलबी दुनिया में,
इंसानियत इंसान के व्यवहार पे रो रही है।
एक नयी नवेली दुल्हन बड़े अरमान लिए,
ससुराल में बहुत सारा दहेज़ लिए आयी,
फिर भी नर पिशाचो का लालच न मिटा,
और लाओ और लाओ और लाओ,
के नारों ने जीना मुहाल कर दिया,
और एक दिन मैके खबर गयी,
आपकी बेटी हफ्ते पहले मर गयी।
अपनी प्रतिक्रिया अवश्य व्यक्त करे
अशोक सारस्वत
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